पुराणों के अनुसार दक्ष प्रजापति परमपिता ब्रम्हा के पुत्र थे जो उनके दाहिने पैर के अंगूठे से उत्पन्न हुए थे. प्रजापति दक्ष की दो पत्नियाँ थी - प्रसूति और वीरणी. प्रसूति से दक्ष की चौबीस कन्याएँ थीं और वीरणी से साठ कन्याएँ. उन सभी का वर्णन नीचे दिया है और साथ हीं साथ उनके पतियों का नाम भी दिया गया है:
प्रसूति से दक्ष की चौबीस पुत्रियाँ और उनके पति
- श्रद्धा (धर्म)
- लक्ष्मी (धर्म)
- धृति (धर्म)
- तुष्टि (धर्म)
- पुष्टि (धर्म)
- मेधा (धर्म)
- क्रिया (धर्म)
- बुद्धि (धर्म)
- लज्जा (धर्म)
- वपु (धर्म)
- शांति (धर्म)
- सिद्धि (धर्म)
- कीर्ति (धर्म)
- ख्याति (महर्षि भृगु)
- सती (रूद्र)
- सम्भूति (महर्षि मरीचि)
- स्मृति (महर्षि अंगीरस)
- प्रीति (महर्षि पुलत्स्य)
- क्षमा (महर्षि पुलह)
- सन्नति (कृतु)
- अनुसूया (महर्षि अत्रि)
- उर्जा (महर्षि वशिष्ठ)
- स्वाहा (अग्नि)
- स्वधा (पितृस)
वीरणी से दक्ष की साठ पुत्रियाँ और उनके पति
- मरुवती (धर्म)
- वसु (धर्म)
- जामी (धर्म)
- लंबा (धर्म)
- भानु (धर्म)
- अरुंधती (धर्म)
- संकल्प (धर्म)
- महूर्त (धर्म)
- संध्या (धर्म)
- विश्वा (धर्म)
- अदिति (महर्षि कश्यप)
- दिति (महर्षि कश्यप)
- दनु (महर्षि कश्यप)
- काष्ठा (महर्षि कश्यप)
- अरिष्टा (महर्षि कश्यप)
- सुरसा (महर्षि कश्यप)
- इला (महर्षि कश्यप)
- मुनि (महर्षि कश्यप)
- क्रोधवषा (महर्षि कश्यप)
- तामरा (महर्षि कश्यप)
- सुरभि (महर्षि कश्यप)
- सरमा (महर्षि कश्यप)
- तिमि (महर्षि कश्यप)
- कृतिका (चंद्रमा)
- रोहिणी (चंद्रमा)
- मृगशिरा (चंद्रमा)
- आद्रा (चंद्रमा)
- पुनर्वसु (चंद्रमा)
- सुन्रिता (चंद्रमा)
- पुष्य (चंद्रमा)
- अश्लेषा (चंद्रमा)
- मेघा (चंद्रमा)
- स्वाति (चंद्रमा)
- चित्रा (चंद्रमा)
- फाल्गुनी (चंद्रमा)
- हस्ता (चंद्रमा)
- राधा (चंद्रमा)
- विशाखा (चंद्रमा)
- अनुराधा (चंद्रमा)
- ज्येष्ठा (चंद्रमा)
- मुला (चंद्रमा)
- अषाढ़ (चंद्रमा)
- अभिजीत (चंद्रमा)
- श्रावण (चंद्रमा)
- सर्विष्ठ (चंद्रमा)
- सताभिषक (चंद्रमा)
- प्रोष्ठपदस (चंद्रमा)
- रेवती (चंद्रमा)
- अश्वयुज (चंद्रमा)
- भरणी (चंद्रमा)
- रति (कामदेव)
- स्वरूपा (भूत)
- भूता (भूत)
- स्वधा (अंगिरा प्रजापति)
- अर्चि (कृशाश्वा)
- दिशाना (कृशाश्वा)
- विनीता (तार्क्ष्य कश्यप)
- कद्रू (तार्क्ष्य कश्यप)
- पतंगी (तार्क्ष्य कश्यप)
- यामिनी (तार्क्ष्य कश्यप)